MP और राजस्थान में cough syrup से बच्चों की मौत, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश तो मचा हड़कंप
मध्य प्रदेश और राजस्थान से आई एक दर्दनाक खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है। कफ सिरप (cough syrup) पीने के बाद कई बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले सामने आए हैं। यह घटना इतनी गंभीर है कि दोनों राज्यों के कलेक्टरों ने तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। माता-पिता में भय और आक्रोश दोनों है—क्या मासूमों की जान एक जहरीले सिरप ने ले ली?
कफ सिरप (cough syrup) से जुड़ी घटना का खुलासा
मध्य प्रदेश के एक जिले में दो बच्चों की संदिग्ध मौत के बाद जब जांच शुरू हुई, तो पता चला कि दोनों ने एक ही ब्रांड का कफ सिरप लिया था। राजस्थान में भी ऐसी ही घटना रिपोर्ट हुई। डॉक्टरों को शक है कि सिरप में कुछ जहरीले तत्व मौजूद हो सकते हैं।
कलेक्टर के आदेश और जांच की शुरुआत
जैसे ही मामला सामने आया, जिला कलेक्टर ने तत्काल जांच के आदेश जारी किए। स्वास्थ्य विभाग, FDA और पुलिस की संयुक्त टीमों ने दवा की दुकानों पर छापेमारी की। संदिग्ध सिरप के सैंपल लैब भेजे गए हैं।
पीड़ित परिवारों का दर्द
एक पीड़ित माता ने कहा, “हमने बस खांसी की दवा दी थी, और कुछ घंटों बाद बच्चा बेहोश हो गया।” इस दर्दनाक बयान ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया। गांवों में लोग दवा खरीदने से डरने लगे हैं।
कफ सिरप (cough syrup) का स्रोत और वितरण चैनल
जांच में सामने आया है कि यह सिरप एक स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए कई मेडिकल दुकानों तक पहुंचा था। कंपनी का नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है, लेकिन प्राथमिक जांच में उसकी मैन्युफैक्चरिंग क्वालिटी पर सवाल उठे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका
स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत सभी बैचों को जब्त कर लिया है और दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है। प्राथमिक रिपोर्ट्स में पाया गया कि सिरप के कुछ सैंपल में हानिकारक रासायनिक तत्व पाए गए हैं।
राजस्थान और MP में समान घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?
यह पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भी बच्चों की मौतें संदिग्ध सिरप से जुड़ी पाई गई थीं। यह सवाल खड़ा करता है कि दवा उत्पादन और वितरण की निगरानी में इतनी लापरवाही क्यों है?
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की जांच
FDA ने कफ सिरप के कई बैच सैंपल के रूप में जांच के लिए सेंट्रल लैब भेजे हैं। रिपोर्ट आने के बाद असली कारण स्पष्ट होगा—क्या सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल जैसे जहरीले तत्व थे, या कुछ और?
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ सस्ते कफ सिरप में अक्सर अशुद्ध ग्लाइकोल का प्रयोग किया जाता है, जो बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि बिना प्रिस्क्रिप्शन के कोई भी दवा बच्चों को न दें।
सरकार की कार्रवाई और बयान
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। अधिकारियों को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि सिरप दोषपूर्ण पाया गया, तो निर्माता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनता में आक्रोश और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर #BanToxicSyrup और #JusticeForKids जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि दोषी दवा कंपनियों को सख्त सजा दी जाए।
पिछले वर्षों में ऐसी घटनाएं
2022 में गाम्बिया में भारत निर्मित सिरप से 60 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। वही पैटर्न अब देश के अंदर दिखने लगा है, जिससे भारतीय फार्मा इंडस्ट्री की साख पर फिर सवाल उठने लगे हैं।
माता-पिता के लिए चेतावनी संकेत
- हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा दें।
- दवा खरीदते समय बैच नंबर और एक्सपायरी डेट चेक करें।
- बच्चों को घरेलू नुस्खे या आयुर्वेदिक उपायों से राहत दिलाने की कोशिश करें।
- संदिग्ध असर दिखे तो तुरंत अस्पताल जाएं।
दवा कंपनियों पर सख्ती की जरूरत
यह घटना बताती है कि अब दवा उद्योग पर सख्त निगरानी की जरूरत है। दोषी पाए जाने वालों पर न केवल आर्थिक जुर्माना बल्कि जेल की सजा भी जरूरी है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश और राजस्थान की यह घटना चेतावनी है कि दवा सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हर माता-पिता, हर नागरिक और हर अधिकारी को सतर्क रहना होगा ताकि कोई और मासूम इस लापरवाही का शिकार न बने।
FAQs
1. क्या सभी ब्रांड के कफ सिरप (cough syrup) पर रोक लगाई गई है?
नहीं, केवल संदिग्ध बैचों को जांच के लिए जब्त किया गया है।
2. क्या सिरप में जहरीले तत्व की पुष्टि हो चुकी है?
अभी जांच चल रही है, रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि होगी।
3. क्या यह मामला पहले भी किसी राज्य में हुआ था?
हाँ, पहले भी कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जैसे गुजरात और जम्मू-कश्मीर।
4. क्या माता-पिता घरेलू उपायों पर भरोसा कर सकते हैं?
छोटी खांसी या जुकाम में हल्के घरेलू उपाय काम कर सकते हैं, लेकिन गंभीर लक्षणों पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
5. क्या दोषी कंपनी पर कार्रवाई होगी?
अगर जांच में गलती पाई गई, तो कंपनी के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
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